जहाँ अधिकार है वहाँ उपचार है समझाइये। ubi jus ibi remedium

अपकृत्य/दृष्कृति विधि का विकास सक्षेप में वर्णन कीजिए।

जहाँ अधिकार है वहाँ उपचार है (Where there is a right, there is a remedy)

जहाँ अधिकार है वहाँ उपचार है” यह कानूनी सिद्धांत का एक महत्वपूर्ण पहलू है जो न्यायिक व्यवस्था में नागरिकों के अधिकारों और उनके उल्लंघन पर उपचार प्राप्त करने के अधिकार को स्थापित करता है। यह सिद्धांत यह सुनिश्चित करता है कि यदि किसी व्यक्ति के अधिकारों का उल्लंघन होता है, तो उसे कानून के माध्यम से न्याय और उपचार प्राप्त करने का अधिकार है।

Where there is a right, there is a remedy.

जहाँ अधिकार है वहाँ उपचार है सिद्धांत का अर्थ:

इस सिद्धांत का अर्थ यह है कि यदि किसी व्यक्ति को कानून द्वारा कोई अधिकार प्रदान किया गया है, तो उस अधिकार का उल्लंघन होने पर उसे कानून द्वारा उपचार प्राप्त करने का भी अधिकार है। यह उपचार विभिन्न रूपों में हो सकता है, जैसे कि मुआवजा, क्षतिपूर्ति, निषेधाज्ञा, या अन्य न्यायिक आदेश।

अपकृत्य/दृष्कृति विधि का विकास सक्षेप में

अपकृत्य/दृष्कृति विधि (Tort Law) का विकास कई चरणों में हुआ है। यह विधि नागरिकों के अधिकारों और उनके उल्लंघन होने पर क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के अधिकार को स्थापित करती है।

भारतीय अपकृत्य विधि का आधार इंगलिश अपकृत्य विधि हैं। कुछ अपवादिक मामलो को छोडकर इंग्लैण्ड की प्रचालित विधि को यहाँ या तो लागू कर दिया गया है। अथवा उसके यहाँ लागू होने की परिकल्पना की जाती है।

चौदहवी शताब्दी में किसी कार्यवाही की सफलता लेखो “(Writs). की सुलभता पर आधारित थी। उस समय की विधि थी “जहाँ उपचार है वहाँ अधिकार भी है। परिस्थिति यदि ऐसी होती थी कि उसके लिए कोई लेख सुलभ नहीं हो सकता था तो वादी की कार्यवाही, चाहे वह कितना भी न्यायसंगत क्यो न हो विफल हो जाती थी। यह स्थिति लगभग 500 वर्ष तक रही अब यह स्थिति बदल गई है। अब विधि का आधार इस परिकल्पना पर है। जहाँ अधिकार है वहाँ उपचार है

1852 में कॉमन लॉ प्रोसीजर ऐक्ट पारित होने पर लेखो को उन्मूलित कर दिया गया है। जुडी केचर ऐक्ट 1873 में यह भी व्यवस्था कर दी गई कि अभिवचन में केवल सारवान तथ्यो का कथन उनका सांराश ही सम्मिलित किया जाना चाहिए जिन पर कोई पक्षकार भरोसा करे।

भारत में अभी अपकृत्य विधि का अधिक विकास नहीं हुआ है अपकृत्य के बहुत कम मामले न्यायालयो मे लाये जाते हैं। इसके कई कारण है। भारत में बहुधा लोगो को अपने अधिकारी के विषय में बहुत कम जानकारी है। यदि वाद लाया भी जाता है तो उसमे इतना समय व धन व्यय होता है कि साधारण व्यक्ति वाद लाने में हिचकिचाता है।

आधुनिक अपकृत्य/दृष्कृति विधि की विशेषताएं:

  • यह विधि नागरिकों के अधिकारों और उनके उल्लंघन होने पर क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के अधिकार को स्थापित करती है।
  • यह विधि विभिन्न प्रकार के अपकृत्यों को परिभाषित करती है, जैसे कि लापरवाही, जानबूझकर नुकसान पहुंचाना, और मानहानि।
  • यह विधि क्षतिपूर्ति के विभिन्न प्रकारों को भी परिभाषित करती है, जैसे कि आर्थिक क्षति, शारीरिक क्षति, और मानसिक क्षति।

सिद्धांत का महत्व:

यह सिद्धांत कानून के शासन और न्यायिक व्यवस्था में नागरिकों के विश्वास को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त हैं और उनके अधिकारों का उल्लंघन होने पर उन्हें न्याय मिल सकता है।

विक्रय तथा विक्रय के करार  Sale and Agreement of Sale in law

इस सिद्धांत से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें:

  • अपकृत्य/दृष्कृति विधि का विकास विभिन्न देशों में अलग-अलग तरीके से हुआ है।
  • यह विधि समय के साथ विकसित होती रहती है।
  • यह विधि नागरिकों के अधिकारों और न्यायिक व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।
  • यह सिद्धांत केवल कानूनी अधिकारों पर लागू होता है, नैतिक या सामाजिक अधिकारों पर नहीं।
  • यह सिद्धांत सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होता है, चाहे उनकी सामाजिक, आर्थिक या राजनीतिक स्थिति कुछ भी हो।
  • यह सिद्धांत न्यायिक प्रणाली की जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ावा देता है।
  • यह सिद्धांत नागरिकों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक होने और उनके उल्लंघन होने पर न्याय प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

आर्टिकल का वर्णन (Description)

शीर्षक: जहाँ अधिकार है वहाँ उपचार है
विषय: अपकृत्य/दृष्कृति विधि का सिद्धांत
मुख्य बिंदु:
“जहाँ अधिकार है वहाँ उपचार है” सिद्धांत का अर्थ और महत्व
सिद्धांत का उदाहरण
सिद्धांत से संबंधित महत्वपूर्ण बातें
अपकृत्य/दृष्कृति विधि का विकास

यह आर्टिकल किसके लिए उपयोगी है:

  • कानून के छात्र
  • नागरिक जो अपने अधिकारों के बारे में जानना चाहते हैं
  • न्यायिक व्यवस्था में रुचि रखने वाले लोग
लेखन शैली:
सरल और स्पष्ट
तकनीकी शब्दों का कम से कम उपयोग
सभी पाठकों के लिए समझने योग्य

अतिरिक्त जानकारी:

इस आर्टिकल में कुछ कानूनी शब्दों का उपयोग किया गया है, जिनके लिए स्पष्टीकरण दिया गया है।
इस आर्टिकल में कुछ उदाहरणों का भी उपयोग किया गया है, जो सिद्धांत को बेहतर ढंग से समझने में मदद करते हैं।
उम्मीद है कि यह आर्टिकल आपको “जहाँ अधिकार है वहाँ उपचार है” सिद्धांत को समझने में मदद करेगा।

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