कानूनी क्षेत्र में, अपकृत्य और अपराध दो महत्वपूर्ण अवधारणाएं हैं जिनके बीच अक्सर भ्रम होता है। हालांकि दोनों ही हानिकारक कृत्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, उनके बीच महत्वपूर्ण अंतर मौजूद हैं जो कानूनी परिणामों को प्रभावित करते हैं।
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अपकृत्य (Tots) की परिभाषा, प्रकृति, उद्देश्य, नुकसान:
परिभाषा: अपकृत्य एक ऐसा कृत्य या चूक है जो किसी व्यक्ति के कानूनी अधिकार का उल्लंघन करता है, जिसके परिणामस्वरूप उसे नुकसान होता है।
उदाहरण: लापरवाही से गाड़ी चलाना, किसी की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, मानहानि करना, अनुबंध का उल्लंघन करना।
प्रकृति: अपकृत्य एक निजी मामला है, जिसका अर्थ है कि यह दो व्यक्तियों (व्यक्ति और हानिग्रस्त व्यक्ति) के बीच होता है।
उद्देश्य: अपराध का उद्देश्य हानि पहुंचाना नहीं होता है, हालांकि यह परिणामस्वरूप होता है।
नुकसान: अपकृत्य में, हानिग्रस्त व्यक्ति क्षतिपूर्ति का हकदार होता है, जो कि उसे हुए नुकसान की भरपाई करता है।
उदाहरण: यदि कोई व्यक्ति लापरवाही से गाड़ी चलाता है और दूसरे व्यक्ति को चोट पहुंचाता है, तो पीड़ित व्यक्ति चिकित्सा खर्चों और अन्य नुकसानों के लिए मुआवजे का दावा कर सकता है।
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अपराध (Crime) की परिभाषा, प्रकृति, उद्देश्य, नुकसान :
परिभाषा: अपराध एक ऐसा कृत्य है जो समाज के खिलाफ अपराध माना जाता है और कानून द्वारा दंडनीय होता है।
उदाहरण: हत्या, चोरी, डकैती, बलात्कार, मादक पदार्थों की तस्करी।
प्रकृति: अपराध एक सार्वजनिक मामला है, जिसका अर्थ है कि यह समाज के खिलाफ अपराध है और राज्य द्वारा इसका मुकदमा चलाया जाता है।
उद्देश्य: अपराध का उद्देश्य आमतौर पर हानि पहुंचाना होता है।
दंड: अपराध के लिए दंड जुर्माना, कारावास, या दोनों हो सकते हैं।
उदाहरण: यदि कोई व्यक्ति हत्या करता है, तो उसे राज्य द्वारा कारावास या मृत्युदंड की सजा सुनाई जा सकती है।
अपकृत्य एवं अपराध में अंतर। (Difference between Tort and crime?)
S. No. | अपकृत्य (Tort) | अपराध (Crime) |
1. | अपकृत्य एक दीवानी अपकार/दोष है। | अपराध एक आपराधिक दोष है। |
2. | अपकृत्य में वाद पीड़ित पक्ष / पक्षकार लाता है। | अपराध में सरकार की ओर से अभियुक्त का अभियोजन किया जाता है। |
3. | अपकृत्य में उपचार केवल अनिर्दिष्ट अधिकता के लिए उपयुक्त हैं। | अपराध समाज के विरुद्ध दोष गाना जाता है अत: दोषो व्यक्ति को करावास या अर्थदण्ड या दोनो से दण्डित किया जाता है। |
4. | अपकृत्य के वाद सिविल न्यायालय में लाये जाते हैं | अपराध के वाद अपराधिक न्यायालय (फौजदारी अदालत) में लाये जाते हैं। |
5. | तिगत अपकृत्य एक व्यक्तिगत दोष होता है। | अपराध सामाजिक दोष होता है। |
अपकृत्य और अपराध दोनों ही हानिकारक कृत्य हैं, लेकिन उनके बीच महत्वपूर्ण अंतर मौजूद हैं। अपकृत्य एक निजी मामला है जिसमें हानिग्रस्त व्यक्ति क्षतिपूर्ति का हकदार होता है, जबकि अपराध एक सार्वजनिक मामला है जिसके लिए अपराधी को दंडित किया जाता है। यह अंतर कानूनी प्रक्रिया और परिणामों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है।
Bhai 4th semester k do yeh clear hogaya mera