एक अनुबंध दो या दो से अधिक पक्षों के बीच एक कानूनी समझौता होता है जिसमें वे कुछ शर्तों को पूरा करने का वचन देते हैं। अनुबंध प्रवर्तनीय होने के लिए, यह आवश्यक है कि सभी पक्ष सक्षम हों। इसका मतलब है कि उनके पास अनुबंध बनाने और समझने की कानूनी क्षमता होनी चाहिए। इस प्रकार सक्षम पक्षकार / पार्टि वे पक्षकार या पार्टि हैं जो स्वयं कानूनी रूप से समझौतों और अनुबंधों में प्रवेश करने में सक्षम हैं।
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सक्षम पक्षकार कौन होते हैं? (Who are the competent parties?)
सक्षम पक्षकार वे व्यक्ति होते हैं जो निम्नलिखित शर्तों को पूरा करते हैं:
1. पक्षकार वयस्क होना चाहिए (Party must be an adult) :
भारत में, एक व्यक्ति को 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर कानूनी रूप से वयस्क माना जाता है। इसका मतलब है कि वे स्वतंत्र रूप से अनुबंध बना सकते हैं और उनके द्वारा किए गए अनुबंधों के लिए बाध्य हैं।
2. पक्षकार स्वस्थचित्त हो (the parties must be of sound mind) :
पक्षकार को अनुबंध की शर्तों को समझने और तर्कसंगत निर्णय लेने में सक्षम होना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति मानसिक बीमारी या अन्य विकलांगता से ग्रस्त है जिसके कारण वह अनुबंध की शर्तों को समझने में असमर्थ है, तो उन्हें अक्षम माना जा सकता है। इस बारे में धारा 11 और 12 में प्रावधान दिया गया है की कोई भी व्यक्ति जो स्वस्थचित्त हो और विधि द्वारा संविदा करने निर्योग्य न हो सक्षम पक्षकार माना जायेगा।
3. पक्षकार नशे में न हो (the party must not be intoxicated) :
पक्षकार को अनुबंध करते समय नशे या अन्य मादक पदार्थों के प्रभाव में नहीं होना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति नशे में है, तो वह अनुबंध की शर्तों को समझने में सक्षम नहीं हो सकता है और बाद में अनुबंध को रद्द कर सकता है।
4.पक्षकार दिवालिया न हो (the party is not insolvent): दिवालिया व्यक्ति अनुबंध करने में सक्षम नहीं होते हैं। यदि कोई व्यक्ति दिवालिया घोषित किया जाता है, तो उसकी संपत्ति उसके लेनदारों के हित के लिए जब्त कर ली जाती है।
अक्षम पक्षकारों के लिए अनुबंध (Contract for incompetent parties)
कुछ मामलों में, अक्षम पक्षकारों की ओर से अनुबंध किए जा सकते हैं।
1. मानसिक रूप से अक्षम व्यक्ति(mentally disabled person):
मानसिक रूप से अक्षम व्यक्ति की ओर से उनके अभिभावक या संरक्षक द्वारा अनुबंध किए जा सकते हैं। अभिभावक या संरक्षक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अनुबंध मानसिक रूप से अक्षम व्यक्ति के सर्वोत्तम हित में है।
2. दिवालिया व्यक्ति (Bankrupt person):
दिवालिया व्यक्ति की ओर से उनके लेनदारों द्वारा अनुबंध किए जा सकते हैं। लेनदारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अनुबंध उनके हित में है और दिवालिया व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचाता है।
कुछ अन्य महत्वपूर्ण पूछे जाने वाले प्रश्न।
प्रतिषेध रिट क्या है? What is prohibition writ?
चलत प्रत्याभूति का प्रतिसंहरण Revocation of continuing guarantee
प्रस्ताव की संसूचना कैसे होती है How is a proposal communicated?
संविदा में पक्षकार का सक्षम होना क्यों महत्वपूर्ण है(Why is it important for the parties to be competent to contract?):
- न्याय और निष्पक्षता सुनिश्चित करना (ensuring justice and fairness):
यदि कोई पक्ष अक्षम है, तो वे अनुबंध की शर्तों को समझने या तर्कसंगत निर्णय लेने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।
इससे अनुबंध अनुचित या अन्यायपूर्ण हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप अक्षम पक्ष का शोषण हो सकता है।
सक्षमता यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि सभी पक्ष समान स्तर पर समझौते में प्रवेश कर रहे हैं और उनके साथ उचित व्यवहार किया जा रहा है। - अनुबंध की प्रवर्तनीयता बनाए रखना(Maintain enforceability of contract):
यदि कोई अक्षम पक्ष अनुबंध को रद्द करने का फैसला करता है, तो अनुबंध अप्रवर्तनीय हो सकता है।
इसका मतलब है कि अनुबंध के तहत किए गए वादों को लागू नहीं किया जा सकता है।
सक्षमता यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि अनुबंध प्रवर्तनीय है और सभी पक्ष अपनी शर्तों के लिए बाध्य हैं। - सामाजिक हित की रक्षा करना(protect social interest):
यदि अक्षम पक्षों को अनुबंध बनाने की अनुमति दी जाती है, तो उनका शोषण किया जा सकता है या हानिकारक स्थितियों में प्रवेश करने के लिए मजबूर किया जा सकता है।
सक्षमता यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि अक्षम पक्षों को नुकसान से बचाया जाए और उनकी भलाई की रक्षा की जाए।
सक्षम पक्षकारों की अवधारणा अनुबंध कानून का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि अनुबंध निष्पक्ष और न्यायसंगत हों और सभी पक्षों के हितों की रक्षा करें। यदि आप किसी अनुबंध में प्रवेश करने पर विचार कर रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सभी पक्ष सक्षम हैं। यदि आपको किसी भी पक्ष की क्षमता के बारे में कोई संदेह है, तो आपको कानूनी सलाह लेनी चाहिए। आशा करता हु की ये लेख आपको पसंद आया होगा इस लेख से संबंधित किसी भी प्रश्न के लिए कमेंट जरूर करे।